कोरबा– छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से 70,80 किलो मीटर दूर नकिया गांव में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र में बिजली की स्थाई सुविधा न होने के कारण गर्भवती महिलाओं को रात के समय डिलिवरी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह उपस्वास्थ्य केंद्र नकिया, विमलता, पेंड्राडीह और रफ्ता गांवों के लिए एकमात्र चिकित्सालय है, जिनकी दूरी 7 से 10 किमी तक है।
गांव बिजली विहीन होने के कारण सौर ऊर्जा चलित बैटरी पर निर्भर है, जिसकी क्षमता कुछ घंटों की होती है। उपस्वास्थ्य केंद्र में सौर ऊर्जा की स्थाई व्यवस्था की आवश्यकता है, जिससे रात के समय भी आने वाले मरीजों और गर्भवती महिलाओं को निर्बाध रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध की जा सकें।
उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला आरएमओ कांति एक्का ने बताया कि उन्होंने अब तक 95 बच्चों की सफल डिलिवरी कराई है, जिनमें अप्रैल माह से लेकर अब तक 17 बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की सुविधा न होने के कारण रात के समय डिलिवरी में परेशानी होती है गांव में लगे सौर ऊर्जा चलित बैटरी की क्षमता कम होने के कारण समस्या और बढ़ जाती है।
उपस्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता_
सौर ऊर्जा की स्थाई व्यवस्था
बिजली की सुविधा की आवश्यकता
गर्भवती महिलाओं के लिए निर्बाध स्वास्थ्य सुविधाएं
गांवों के लिए एकमात्र चिकित्सालय की स्थिति में सुधार
यह मामला ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर करता है और सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। उपस्वास्थ्य केंद्र में सौर ऊर्जा की स्थाई व्यवस्था करने से गर्भवती महिलाओं और मरीजों को निर्बाध रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं।